दूसरों की कविताएं चुन जब तुम थी गाती
कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती
मेरे भी गीत में की थी तुम कई परिवर्तन
सुर, लय में बांध ली भाव का था आवर्तन
आज भी हूँ सुनता जिंदगी जो पीट जाती
कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती
सबकी तो हैं होती अपनी लक्ष्मण रेखा
जिसने उसको फांदा जीवन विभिन्न देखा
ऐसी रेखाएं तोड़ती बन गयी प्यार उन्मादी
कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती
प्रणय को कहा बयार तुम समझ पाई सस्ता
व्यक्तित्व मिलन दुर्लभ समझी बिखरा बस्ता
चुगते गई अविवेकी कागजी नाव भाव बहाती
कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती
व्हाट्सएप्प चैट वीडियो कॉलिंग अन्य हैं रास्ते
हर एप्प पर थी दिखती थी तुम दौड़ते हांफते
क्या चाह थी क्या राह थी विभिन्न तथ्य अपनाती
कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती।
धीरेन्द्र सिंह
13.08.2025
09.30
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