विश्व कहीं मस्त कहीं अस्तव्यस्त है
भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है
विविधता में एकता ही प्रखर भवितव्य
विभिन्नता में श्रेष्ठता ही अधर अमृत्व
सभी ओर सक्रियता के लक्ष्य सत्य है
भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है
कथ्य में सत्य की विशाल लिए संस्कृति
अपनी समस्या हटाते राष्ट्र की नित उन्नति
हर नागरिक कर्म का नैवेद्य का कक्ष है
भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है
ललाट पर धारित तिरंगे की ओजस्विता
सम्राट का अस्तित्व विचारित तेजस्विता
राष्ट्र ही सर्वस्व भारत विश्वगुरु प्रशस्त है
भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है।
धीरेन्द्र सिंह
15.08.2025
08.37
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें