गुरुवार, 14 अगस्त 2025

15 अगस्त

 विश्व कहीं मस्त कहीं अस्तव्यस्त है

भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है


विविधता में एकता ही प्रखर भवितव्य

विभिन्नता में श्रेष्ठता ही अधर अमृत्व

सभी ओर सक्रियता के लक्ष्य सत्य है

भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है


कथ्य में सत्य की विशाल लिए संस्कृति

अपनी समस्या हटाते राष्ट्र की नित उन्नति

हर नागरिक कर्म का नैवेद्य का कक्ष है

भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है


ललाट पर धारित तिरंगे की ओजस्विता

सम्राट का अस्तित्व विचारित तेजस्विता

राष्ट्र ही सर्वस्व भारत विश्वगुरु प्रशस्त है

भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है।


धीरेन्द्र सिंह

15.08.2025

08.37


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