बुधवार, 23 जुलाई 2025

साहित्य

 एक शब्द

ओढ़े हुए

अर्थ का वस्त्र,

ढूंढ रहा था

उपयुक्त भाव,


एक भाव

अभिव्यक्ति का

असर मिले

ढूंढ रहा था 

उपयुक्त शब्द,


संप्रेषण

टेबल पर

रखी चाय का

उड़ता महकता

वाष्प,


रचयिता

तल्लीनता से

रच रहा था

नव रचना

करता समृद्ध साहित्य,


साहित्य

पाठक मन में उड़ता

पुस्तकों में घुमड़ता

सितारों की तरह

टिमटिमा रहा है।


धीरेन्द्र सिंह

23.07.2025

19.13

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें