एक शब्द
ओढ़े हुए
अर्थ का वस्त्र,
ढूंढ रहा था
उपयुक्त भाव,
एक भाव
अभिव्यक्ति का
असर मिले
ढूंढ रहा था
उपयुक्त शब्द,
संप्रेषण
टेबल पर
रखी चाय का
उड़ता महकता
वाष्प,
रचयिता
तल्लीनता से
रच रहा था
नव रचना
करता समृद्ध साहित्य,
साहित्य
पाठक मन में उड़ता
पुस्तकों में घुमड़ता
सितारों की तरह
टिमटिमा रहा है।
धीरेन्द्र सिंह
23.07.2025
19.13
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