चेतना के चाहत के तीन चरवाहे
तीनों में होड़ लगी कौन आगे भागे
मनसा, वाचा, कर्मणा ही तीन प्रमुख
धरती, आकाश, पाताल जीव सम्मुख
इन तीनों में संतुलन बौद्धिकता मांगे
तीनों में होड़ लगी कौन आगे भागे
यश, कीर्ति, तीर्थ में निमग्न चेतनाएं
काम, क्रोध, मोह से मुक्ति को धाएं
अभिलाषाएं तुष्ट लगें या मन में पागें
तीनों में होड़ लगी कौन आगे भागे
काव्य, कथा, संस्मरण के सब शरण
लेखन की होड़ में गुणवत्ता का क्षरण
साहित्य सुजानता से खुले हिंदी भागे
तीनों में होड़ लगी कौन आगे भागे।
धीरेन्द्र सिंह
16.07.2025
17.53
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें