.शब्द तब तलवार उमंग ढाते हैं
जब वो तीसरे को संग लाते हैं
कल तक प्यार के गोते लगे
आज वह इश्किया बेरंग भाते हैं
किसी के हक को छीनना न प्यार
देर बहुत कर अब बतलाते हैं
एक लंबी दूरी प्यार का तय कर
प्यार की राह बेढंग जतलाते हैं
कौन आया उनकी ज़िंदगी में नया
चमक उसकी ले बेरंग लौटाते हैं।
जब वो तीसरे को संग लाते हैं
कल तक प्यार के गोते लगे
आज वह इश्किया बेरंग भाते हैं
किसी के हक को छीनना न प्यार
देर बहुत कर अब बतलाते हैं
एक लंबी दूरी प्यार का तय कर
प्यार की राह बेढंग जतलाते हैं
कौन आया उनकी ज़िंदगी में नया
चमक उसकी ले बेरंग लौटाते हैं।
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