चाँद चौखट पर बैठा चांदनी बिखर गयी
आपके चहरे को छूकर चांदनी निखर गयी
रात्रि ने करवट बदलकर आपसे क्या बात की
चंद लम्हे में ही जुल्फें आपकी बिखर गयी
आसमान में सितारे पलकें झपकाते पुकारे
ओ निशा क्या बात है क्यों तुम सिहर गयी
मेरी पलकों ने झपकने से जो किया इनकार
चन्दा की सुन फुसफुसाहटें चांदनी बिफर गयी
एक ऐसा द्वन्द जिसकी ना थी कभी कामना
मेरे और चंदा के बीच कैसे यह छिड़ गयी
आपका सौंदर्य भी दे रहा था चुनौतियां खिलकर
प्यार की प्रांजलता पशोपेश में सिफर भई
चाँदनी को कर प्रखर चंदा बरबस निहारे
आसमान भी झुक गया सितारों की बन गयी
बदलियाँ भी मेरी पलकों पर लगी गुजरने
आप तो सोयी हुयी थीं रात पूरी बहक गयी.
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
आपके चहरे को छूकर चांदनी निखर गयी
रात्रि ने करवट बदलकर आपसे क्या बात की
चंद लम्हे में ही जुल्फें आपकी बिखर गयी
आसमान में सितारे पलकें झपकाते पुकारे
ओ निशा क्या बात है क्यों तुम सिहर गयी
मेरी पलकों ने झपकने से जो किया इनकार
चन्दा की सुन फुसफुसाहटें चांदनी बिफर गयी
एक ऐसा द्वन्द जिसकी ना थी कभी कामना
मेरे और चंदा के बीच कैसे यह छिड़ गयी
आपका सौंदर्य भी दे रहा था चुनौतियां खिलकर
प्यार की प्रांजलता पशोपेश में सिफर भई
चाँदनी को कर प्रखर चंदा बरबस निहारे
आसमान भी झुक गया सितारों की बन गयी
बदलियाँ भी मेरी पलकों पर लगी गुजरने
आप तो सोयी हुयी थीं रात पूरी बहक गयी.
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
कमाल की रचना। हर लाईन दिल में उतरती है।
जवाब देंहटाएंसौन्दर्य की चुनौतियां ... रात बहक गई , कमाल का लिखा है
जवाब देंहटाएंमेरी पलकों ने जो ........भावों को अच्छी अभिव्यक्ति , बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबढ़िया है...
जवाब देंहटाएंएक ऐसा द्वन्द जिसकी ना थी कभी कामना
जवाब देंहटाएंमेरे और चंदा के बीच कैसे यह छिड़ गयी
आपका सौंदर्य भी दे रहा था चुनौतियां खिलकर
प्यार की प्रांजलता पशोपेश में सिफर भई
बहुत सुंदर भाव.....
बहुत ही कोमल भावों से पगी सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कोमल भाव... प्रेम रस में डूबी रचना.......
जवाब देंहटाएंप्यार के कोमल भावों का एहसास कराती बहुत सुन्दर रचना। चंदा और चांदनी की एक नए अंदाज़ में प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअति सुंदर रचना ,यानी चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो उनको बता.......बहुत खूब कहा आपने धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखते हैं आप ...शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंरात पूरी बहक गयी..बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही उत्तम कोमल भावनाओं से युक्त चित्रात्मक रचना है। 'रजनीश' होने के नाते इस पंक्ति से जुडाव हो गया। वाह क्या बात है ... आप तो सोयी हुयीं थी पूरी रात बहक गयी ..... वाह वाह
जवाब देंहटाएंधीरेन्द्र जी बहुत कुछ कह गए आप अपनी इस पंक्ति के माध्यम से जवाब नहीं आपका । आपकी अंतिम लाइन 'ज़र्ब -ए-मिस्ल' के योग्य हैं। बधाई स्वीकार करें।