बुधवार, 12 नवंबर 2025

हिन्दू संस्कृति

 कभी इधर कभी उधर, दृष्टि से गये उतर

सर्वधर्म समभाव डगर, सृष्टि में दिखे किधर


हिन्दू संस्कृति को हिन्दू हैं कितना जानते

हिंदुत्व का प्रवाह प्रखर कई नहीं जानते

कर्म आकृति हिंदुत्व अखंड भारत का सफर

सर्वधर्म समभाव डगर, सृष्टि में दिखे किधर


धर्म की नहीं बात करें, लोग समझते अपराध

धर्म की परिभाषा गलत, लक्ष्य कुछ रहे साध

हिन्दू राष्ट्र भारत है, इसे बोलने में कांपे अधर

सर्वधर्म समभाव डगर, सृष्टि में दिखे किधर


एक वर्ग भटक रहा जबकि बेजोड़ घटक रहा

सर्वधर्म हो पल्लवित स्वाभाविक हिन्दू राष्ट्र कहा

राष्ट्र लय में सब मिल थिरकें धर्म का करते कदर

सर्वधर्म समभाव डगर, सृष्टि में दिखे किधर।


धीरेन्द्र सिंह

12.11.2025

19.34



मंगलवार, 11 नवंबर 2025

फरीदाबाद

चुपके से हो रहे थे आतंकी आबाद

हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद


पुस्तकों की बौद्धिकता पर करते बातें

बुद्धिजीवी सोचें अभिशाप कैसे बांटे

डॉक्टरों की टीम का है यह विवाद

हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद


उच्च शिक्षित का किनसे गलत नाते

कौन वह प्रबुद्ध जिनसे डॉक्टर नाचे

हतप्रभ होकर इन डॉक्टरों पर संवाद

हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद


उच्च शिक्षितों में भी गंवारपन आगे

कैसे सम्मान के यूँ निर्दोष रहें धागे

एक विश्वास टूटकर किया गंदा निनाद

हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद।


धीरेन्द्र सिंह

11.1१.2025

20.46