शनिवार, 9 सितंबर 2023

भारत मंडपम-भारतीय भाषाएं

 भाषा तो हिंदी लिपि कहां है

रोमन में लिपटता सारा जहां है


भाषिनी की सगर्व है प्रस्तुति

स्क्रीन पर रोमन की उपस्थिति

जी 20 में देवनागरी कहां है

रोमन में लिपटता सारा जहां है


भाषांतर की यांत्रिकी हैं सुविधाएं

श्रवण में संकुचित सभी दिशाएं

भारतीय लिपियों की चर्चा कहां है

रोमन में लिपटता सारा जहां है


भारत मंडपम एक अभिमान है

भव्यता का अभिनव गुमान है

भाषाएं भारतीय विद्यमान कहां है

रोमन में लिपटता सारा जहां है


भारत मंडपम में भारत गान है

हर राज्य जी 20 का गुणगान है

चकाचोंध में कौन चतुर सुजान है

रोमन में लिपटता सारा जहां है।


धीरेन्द्र सिंह

09.09.2023

10.10

सोमवार, 4 सितंबर 2023

बदन

 शब्दों में मोड़कर भाव छुपाए

किस तरंग की उमंग लीजिए

प्रेम बदन में ही ढूंढ रहे

ओ विहंग एक प्रबंध कीजिए


तन के धरातल भुरभुरे फिसलते

और कितना, अब रुक लीजिए

मन को देखा न पाया कभी

गौर तन पर कितना कीजिए


एक से बात दूजा प्रतीक्षा में

तीसरे पर न पांसा फेंकिए

तन के आगे न जाने तराने

मिसरे मन के भी तो देखिए


मिलते हैं अक्सर ऐसे सुख़नवर

स्वर हृदय का भी जतन कीजिए

लीजिए बुरा मान ब्लॉक कर दिए

देह से देश का क्यों हवन कीजिए।


धीरेन्द्र सिंह

05.09.2023

05.25


शनिवार, 26 अगस्त 2023

स्त्री

 आप दिव्यता की एकमात्र कड़ी

जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी


आरम्भ से जीत की रणदुदुम्भी

जीवन की है अभिनव जलकुंभी

इनका सानिध्य उपलब्धियां बड़ी

जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी


आत्मा की ताज में वह बलवती

शैशव से वृद्धावस्था की सुमति

वह कौन जिसमें स्त्री न कड़ी

जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी


मातृत्व का विशद गहन दुलार

प्रेयसी का सुगंधित मृदु अभिसार

जीवन यात्रा में पुष्प सी पड़ी

जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी


ममता की समता सौम्य सुगंधित

मनवा की नम्रता कौन निबंधित

हृदय में यह दिव्यता है मढ़ी

जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी।


धीरेन्द्र सिंह

26.08.2023

22.54

बुधवार, 23 अगस्त 2023

चंद्रयान 3

 चांद चर्चा में चांदनी है ठिठकी

चंद्रयान 3 पर निगाहें हैं अटकी


इसरो का कमाल भारत का धमाल

चांदनी खड़ी है हाँथ में ले वरमाला

प्रज्ञान उतरेगा ढूंढने जल मटकी

चंद्रयान 3 पर निगाहें हैं अटकी


विज्ञान का जहान या जहां विज्ञान

सुरक्षित उतरेगा यह तीसरा चंद्रयान

विक्रम का निर्धारित क्रम गुणवत्ता गठी

चंद्रयान 3 पर निगाहें हैं अटकी


स्थिर तन स्क्रीन पर चंचल हैं निगाहें

उत्साह, उमंग फड़कती रह-रह बाहें

सफलता की शुभकामनाएं हैं पगी

चंद्रयान 3 पर निगाहें हैं अटकी।


धीरेन्द्र सिंह

23.08.2023

16.07

मंगलवार, 22 अगस्त 2023

एक तुम हो

 

सुहाने होते मौसम में

भाव पुष्प खिल जाएं

युक्ति, चाह हो ऐसी

वाह! कहीं मिल जाएं

 

सदियों से यह कहते

प्रणय भाव झुक जाए

एक तुम हो ऐसे

कभी आए ? बिन बुलाए

 

तृष्णा क्यों रहे तृषित

नदियां बहती क्यों जाए

अंजुरी भर की बात

क्यों अधर बूंद तरसाए

 

इतना कहने का अधिकार

चुप भी ना रहा जाए

सहने को कई और

जीवन भी यही दर्शाए।

 

धीरेन्द्र सिंह

22.08.2023

12.41

रविवार, 20 अगस्त 2023

फोटो

 कविताओं को पढ़कर

दृष्टि पहुंचती है

अंतिम पंक्ति पर,

नीचे छपा रहता है

रचनाकार का फोटो,

पाठक मन ढूंढता है

काव्य भाव

प्रकाशित रचनाकार के

चेहरे पर,

पठित भावनाएं

बंजर नजर आती है,

जिज्ञासा छटपटाती है

और 

कविता मर जाती है।


धीरेन्द्र सिंह

20.08.2023

15.15

शनिवार, 12 अगस्त 2023

झूठे

प्यार कहां टूटता रिश्ते हैं टूटे
भूल गई झूठी बोलें हर झूठे

चाह के हर शब्द, लगें प्रारब्ध
कितनी हरकतें, कर रहीं स्तब्ध
भावनाएं वहीं, हां तुम हो छूटे
भूल गई झूठी बोलें हर झूठे

कौन नयन, दरस नव बसाए
मन हर्षाए पर लोगों से छुपाए
तौर-तरीके संग समय ले अनूठे
भूल गई झूठी बोले हर झूठे

प्रीत, प्रणय, प्यार होता कहां उन्मुख
दर्पण से बोलें छुप हो सम्मुख
क्रम किसको याद, कौन कब छूटे
भूल गई झूठी बोले हर झूठे।

धीरेन्द्र सिंह
12.08.2023
13.03