शनिवार, 16 दिसंबर 2023

ऐ हवा

 मैं हूँ गगन का ठहरा एक बादल

सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी


तपिश प्यार का जल, शोषित किया

हवा संग तुझसे है, पोषित किया

अपनी यही एक जीवन कहानी

सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी


प्रणय हो गया अनपेक्षित, अकस्मात

प्रलय झूम आया, प्रणय दे आघात

थी मेरी खता या उसकी कारस्तानी

सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी


था शोषित प्रणय पर भरा व्योम था

बादलों का जमघट बड़ा सौम्य था

धरा खींच ली बना उनको पानी

सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी


प्रणय ना है छूटा रहे जग रूठा

हृदय गीत मगन स्पंदन अनूठा

हवा चल करें शुरू नव जिंदगानी

सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी।


धीरेन्द्र सिंह


17.12.2023

07.16


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