शब्दों की पुड़िया में एहसासों की मिठाई 
जब मिलती दिल खिलता आसमान अंगनायी 
इस धरती पर कितने हैं खुशियाँ देने वाले 
ऐसे इन्सानों
 को शत-शत है बधाई 
शब्दों में जब दिल मुस्काकर मिलते हैं 
नयन भींग जाते और मिल जाती नयी रुबाई 
कितना सुंदर जीवन है
 अच्छे लोगों संग 
बड़े नसीब से मिलती है पुलकित सी तरुणाई 
काश करीब होते तो भर लेती यह बाहें 
दो पलकों की छांह में
 खिलती एक अरुणाई 
बातों के पुष्पों में मिलती नयी सुगंध 
भावों की कश्ती में चाहत होती मदमायी 
दिल में आप बसे हो
 अनुपम खिले-खिले हो 
मेरी धड़कन मेरी तड़पन आपको भूल ना पायी 
आप अधर हो आप सफर हो आप ही मेरी तृष्णा 
आप से मिलकर मेरी अभिलाषाएँ हैं भरमायी। 
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.