प्रस्ताव सविनय निवेदित
आगत तो होता अतिथि
कौन कलेवा आज बंधा
कौन हल से है नधा
कौन धूप से व्यथित
आगत तो होता अतिथि
संग कलेवा आया संदेसा
मचान को धूप ने सेंका
रजाई तकिया संबंधित
आगत तो होता अतिथि
पम्पिंग सेट की जलधार
रहँट कुएं से गयी उतार
दुआर रहा न आनंदित
आगत तो होता अतिथि
बहुत कठिन है किसानी
श्रम के बूंदों की कहानी
फसल चाह किसान क्रन्दित
आगत तो होता अतिथि।
धीरेन्द्र सिंह
01.12.2023
15.32
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