यह ना समझिए कि, दूर हैं तो छूट जायेंगी
अबकी होली में मैंने, खूब रंगने की ठानी है
यह ना समझिए कि, मिल ना सकेंगे हम
आपके ब्लॉग से, मेरे ब्लॉग का दाना-पानी है
कुछ हैं ख्याल अलहदा, कुछ हुस्न रूमानी
कुछ अंदाज़ निराला, कुछ तो ब्लॉगरबानी है
नया रिश्ता है, अहसास रिसता है हौले-हौले
दिल की आवाज यह, ना कहिए नादानी है
मैंने चुन लिया है रंग, आपके ब्लॉग से ही
जश्न-ए-होली की टोली भी वहीं बनानी है
खिल उठेंगे रंग, आपके रंग से मिलकर ही
फिर देखिएगा कि महफिल भी दीवानी है
दिल की आवाज मन में दबाए तो होली कैसी
ज़िंदगी तो फकत अहसासों की मेहरबानी है
मिलूंगा ज़रूर इस होली पर रंग साथ लिए
मेरे रंग से तो मिलिए यही तो कद्रदानी है.
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
बढ़िया रही ये ब्लॉग नुमा होली
जवाब देंहटाएंholi ke rang blogging ke sang
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और रंगमयी है इस तरह की होली भी..
जवाब देंहटाएंवाह.. बढ़िया.. क्या खूब ब्लॉगरबानी है... सुन्दर प्रस्तुति .. होली की अग्रिम शुभकामनायें ....
जवाब देंहटाएंहोली का ये अन्दाज़ भी खूब भाया
जवाब देंहटाएंब्लोगरबानी को आपने खूब आजमाया
सुन्दर प्रस्तुति .. होली की अग्रिम शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंब्लोगरीय रंग में रंगी सुंदर रचना ....बड़ी अलग सी शब्दावली चुनी हैं ...... जो अच्छी बन पड़ी है.... बधाई
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंजो बात दिल में दबा जाएँ , तो कैसी होली .....बेहद सुन्दर बात कही है ... मन में क्या रखना बातों को , बेवजह मन के ऊपर भार बढ़ाना हुआ ये तो ।
मैंने भी चुन लिए हैं रंग , कुछ आपके ब्लॉग से , अबीर आपका और गुलाल हमारा ...
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सतरंगी जीवन की होली आँगन में अपने सजी रहे।
जवाब देंहटाएंसुख या दुख कुछ भी हो बहारों की महफिल बनी रहे।
waah ji dekhte hai aapke holi ke rango ki bauchhar kis kis par hoti hai.
जवाब देंहटाएंek baar aakar laut gayi ,box nahi khul raha tha ,rachna bahut achchhi hai aur khyaal bhi umda ....
जवाब देंहटाएंholi ki badhai aapko .