भगवती माँ की नित करे अर्चना
सहमति जग की कृति करे अर्चना
सनातन राह पर अटल चले जो
हिन्दू संस्कृति की होए निज सर्जना
मातृ शक्ति स्वरूपा भारत देश हमारा
सिंह आरूढ़ शस्त्र धारिणी की गर्जना
सर्वधर्म को आश्रय यहां विस्मित है जहां
हिन्दू संस्कृति इतर धर्म की ना करे भर्त्सना
माँ भगवती विविध रूप में सब में समाई
जिसने माँ को पा लिया मील दिव्य अंजना
भगवती की कृपा रहे भक्तों पर फलदायी
नत होकर आत्मा करे माँ भगवती की अर्चना।
धीरेन्द्र सिंह
09.11.2025
08.23
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