जगमगाते दीपों की तैयारी है
झालरों में ज्योति अँकवारी है
झालरों में ज्योति अँकवारी है
बाती बनकर दीप में सज जाइए
ज्योतिपुंज प्रबल अति न्यारी है
भींग जाने दो दिया जल में अभी
कुम्हार कौशल आपकी बारी है
केवट चरण पखार पाए मुक्ति द्वार
दीपमालाएं सजें विश्वकारी हैं
स्वच्छ चहक किलके चहारदीवारी
ज्योतिपुंज प्रज्ज्वलन गुणकारी है
तमस दूर हो समझ में होए वृद्धि
उत्सवी परिवेश समृद्धिकारी है
देहरी की प्रथम लौ झूम धाए
दिया लिए प्रकाश चमत्कारी हैं
बाती बन आप दिए से जुडें तो
इससे बड़ा कौन हितकारी है।
धीरेन्द्र सिंह
17.10.20२5
19.35
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