बादलों को पर्वतों से अनुराग है
या बताएं प्यार में तो त्याग है
तपन में जल संचयन आराधना
मनन सृष्टि वृष्टि से है थामना
बादलों का यह अनोखा राग है
या बताएं प्यार में तो त्याग हैं
जल सहेजे उड़ चलें ऊपर बहुत
हल करें पर्वत तृष्णा छूकर उत
या कहें यह मिलन की आग है
या बताएं प्यार में तो त्याग है
कोमलता में विश्व शक्ति व्याप्त
रूढ़ता हठवादिता अहं में आप्त
मन अडिगता खंडित विवाद है
या बताएं प्यार में तो त्याग है
बरसते बादलों में जीवन दर्शन
बादलों का विद्युतीय आत्म तर्पण
बादलों को मात्र सावनी निनाद है
या बताएं प्यार में तो त्याग है।
धीरेन्द्र सिंह
29.06.2023
07.52
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे वे
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