बुधवार, 28 जून 2023

धुली सुबह


मुस्कराती धुली सुबह

शीतलता संग बह

बालकनी को दुलारे

शालीनता में मह


धो लिए पाप सारे

व्यक्तिगत हालात सह

एक ताज़गी समेटे

बारिशों के सह


पर्वत,मकान, रिक्त धरा

पूर्ण संभावना तह

ऊबड़खाबड़ कहीं भव्यता

जीवन जाता कह


सुबह का दर्शन

दर्शाएं राहें कह

उच्चता दर्शा मानव

मेघ बाहें गह।


धीरेन्द्र सिंह

28.06.2023

09.19

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