सुनिए जी सुनिए
इसे भी तो गुनिए
इस समूह में सरकार
होता इमोजी का व्यवहार
रोज उनीदे आते हैं
इमोजी टिप्पणी चिपकाते हैं
पोस्ट को क्यों पढ़ना
बस हाजिरी लगाते हैं
ओ इमोजी के चित्रकार
लिखने से क्यों घबड़ाते हैं
पोस्ट नहीं पढ़ना तो ठीक
रोज इमोजी क्यों चिपकाते हैं
शब्द भाव से अगर अरुचि
पोस्ट अगर नहीं पढ़ पाते हैं
तो क्यों आते पोस्ट पर जी
नकारात्मकता फैलाते हैं
देखादेखी अन्य बने हमराही
लिखना छोड़ इमोजी दिखाते हैं
लिखने-पढ़ने में यदि पैदल
इमोजी से क्या जतलाते है
हिंदी के प्रति है दुर्व्यवहार
लेखन संग हिमोजी भाते है
मात्र इमोजी से हिंदी दब रही
ऐसे हिंदी विरोधी क्यों आते हैं।
धीरेन्द्र सिंह
13.09.2025
07.52