साथ कोई चलता नहीं, चले अपने कदम
यह है मेरा वह चितेरा, हैं सुंदर सपने वहम
जीवन के अंकगणित में है जोड़ना-घटाना
लक्ष्य की चुनौतियों में प्रयास कष्ट घटाना
समझौतों की स्वीकार्यता कभी खुश तो सहम
यह है मेरा वह चितेरा, हैं सुंदर सपने वहम
यदि बंधे नहीं मानव सहज न जी है पाता
एक भीड़ न हो परिचित जीवन लगे अज्ञाता
अपने को छोड़ सबसे जुड़ा लगे सशक्त कदम
यह है मेरा वह चितेरा, हैं सुंदर सपने वहम
जीने की एक आदत को समझते हैं प्रायः प्यार
कितना चले कोई अगर छोड़ दे अपना पतवार
स्वार्थ अति महीन रूप में जाए पनपाते दहन
यह है मेरा वह चितेरा, हैं सुंदर सपने वहम।
धीरेन्द्र सिंह
30.10.2025
19.25
 
 
 
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