लता मंगेशकर - सुर देवी - श्रद्धांजलि
संगीत की आत्मा
चल गई जग छोड़
श्रद्धांजलि पूछे यह
क्या इसका है तोड़
युग है भरा-पुरा
सुरों का मशवरा
स्वर यह बेजोड़
क्या इसका है तोड़
सुरों की आराधना
गीत छाया घना-घना
सरगमों का आलोड़
क्या इसका है तोड़
साधिका का गमन
सरगमें संकलित सघन
कहें गयी क्यों मुहं मोड़
क्या इसका है तोड़।
धीरेन्द्र सिंह
पूर्वाह्न 10.55
विनम्र श्रद्धा सुमन!
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