प्रशिक्षण महाविद्यालय को
युद्ध कौशल का
नव पाठ पढ़ाने,
नई बात बताने
चले बिपिन रावत
संग पत्नी
नव अफसर को
नव राह दिखाने,
लगी आग जब
हेलीकॉप्टर में
थे रावत बैठे
कुर्सी थी सुरक्षित
पर अर्धांगिनी भी तो
अग्नि दाह में थी मूर्छित,
भर बाहों में
कर पूर्ण प्रयास
चीख पुकार कर दरकिनार
भार्या के बन रक्षक
जीवन के अंतिम साँसों में
एक-दूजे के हो नतमस्तक,
मां भारती को
नमन जताया होगा
अग्नि प्रचंड में दबंग
हित देश की आह जताया होगा,
यह दुर्घटना भी
लिख गयी अमर कहानी
भारत के शूरवीर की जिंदगानी।
धीरेन्द्र सिंह
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