वह कहती है
सब सच नहीं होता
भ्रम है सोशल मीडिया,
मैने कहा
इस मीडिया ने तुम्हें दिया
लगा लगने एक दूजे को
एक है जिया,
झल्लाकर वह बोली
यदि सोशल मीडिया
लगता है सत्य
तो गौण कथ्य
जी लीजिए
वहीं शर्तिया
मानव प्रकृति
छुपाने की
बरगलाने की
कुछ दीवानी की
कुछ दीवाने की .
धीरेन्द्र सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें