गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

मैं नारी

 


मैं नारी...

हकीकत नहीं हूँ,

स्वप्न हूँ

स्पंदन हूँ

क्रंदन हूँ

अभिनंदन हूँ

गनीमत हूँ

हकीकत नहीं हूँ


पुरुष रचित समाज

नारी बस काज

संवेदना

सहेजना

झेलना

मेल्हना

वेदना हूँ

हकीकत नहीं हूँ


मैं नारी...

भावनाओं की 

चित्रकारी

किलकारी

दुलारी

खुमारी

दुश्वारी हूँ

हकीकत नहीं हूँ।


धीरेन्द्र सिंह

14.02.2025

06.16

प्रणय दिवस

 प्रणय दिवस पर होता अभिमान है

दिल से दिल का होता सम्मान है


नयनों से नयनों का प्रणय वंदन

अभिलाषाओं का हो विनय क्रंदन

धरा रुपहली व्योम मौन गान है

दिल से दिल का होता सम्मान है


हो जाता आसक्त मन रहे अव्यक्त

प्रणय दिवस ही रंगजाता दो भक्त

प्यार सृष्टि का सुंदर अमृतपान है

दिल से दिल का होता सम्मान है


प्यार की आराधना का है वार्षिकोत्सव

वेलेंटाइन डे से पहले भी था प्यार उत्सव

पाश्चात्य दिन निधारण कार्य महान है

दिल से दिल का होता सम्मान है।


धीरेन्द्र सिंह

13.02.2025

16.04



बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

सुनो प्रिये

 सुनो प्रिये, विस्तृत है प्रणय  हमारा

गुनो हिए, कृतत्व है भ्रमण हमारा

आदि अनंत में हो तुम ही  सहराही

प्रकृति निखरती देख रमण तुम्हारा


तुम में हैं नए राग और कलाएं अनेक

मेरी आवाज बने धुन राग तुम्हारा

संगीत सम्मिश्रित जीवन लयबद्ध

धुन ही तुम्हारी साँसों का मेरा गुजारा


विस्तृत प्रणय में सिद्ध कई अनुराग

फाग राग में कितना है हमने पुकारा

कहती हो पर कम सुनती मुझको

इसीलिए प्रणय चाह में तुम्हें पुकारा।


धीरेन्द्र सिंह

12.02.2025

19.50

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

आलिंगन दिवस

  शब्दों का आलिंगन है

भावनाओं का है ज्ञान

वैश्विक आनिंगन दिवस

आत्मीयता की पहचान


देह ही क्या नेह है

स्पर्श उत्कर्ष क्या मान

शब्द कुशल संवाहक है

आदर भाव ही सम्मान


अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्यों नकारे

वसुधैव ही है हमारा ज्ञान

शब्दादर भाव विनीत सुविज्ञ

आलिंगन दिवस का है अभिमान।


धीरेन्द्र सिंह

11.02.2025

21.13



लेटेंट

 रणवीर इलाहाबादिया

तुमने यह क्या किया

माँ अमूल्य अविनाशी

किस संस्कार में जिया


इंडिया गॉट लेटेंट

अभद्रता का है टेंट

समय ने असमय किया

किस समाज में है जिया


एक है अपूर्वा माखीजा

मातृत्व को तुमने खींचा

तुमने जो बोल दिया

नारीत्व को आहत किया


विरोध, बहिष्कार न्याय

सामान्य व्यक्ति का उपाय

रणबीर इलाहाबादिया

स्व को स्व से जला दिया।


युवाओं का घातक समूह

एक मंच रुग्ण सब व्यूह

युवा सोच बीमार बना दिया

लेटेंट ने जो व्यवहार किया।


धीरेन्द्र सिंह

11.02.2025

13.07



सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

इजहार

 #कुछ_तुम_लिखो_कुछ_हम_लिखे

#दैनिक_प्रविष्टि

#आज के विशेष रचनाकार

अविनाश शर्मा


    ✍️मेरे इजहार का अंजाम मिल जाता👌

                     --


मेरे  इज़हार  का  अंजाम  मिल  जाता  तो  अच्छा था,

मेरे इकरार को एक धाम मिल जाता तो अच्छा था


बहुत कुछ कह चुकी हैं हसरतें मजबूर सी पेशानियां

कभी इनपर इनायत गौर हो जाता तो अच्छा था


बहकती चाहतों को महकता एहसास तो मिले

दहकती आग में चिराग खिल जाता तो अच्छा था


कहना ही मेरे वश में इजहार करते रहता हूँ 

अंजाम दिल जाम बन जाता तो अच्छा था।


धीरेन्द्र सिंह

11.02.2025

09.51

साली जी

 महाकुम्भ ना पहुंचा पत्नीजी घुड़कीं

साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी


आमंत्रण की यह मिठास दी हुलास

सड़क जाम देख हुई विचलित आस

खिलते एक प्रस्ताव की ऐसी कुड़की

साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी


महाकुम्भ आस्था हुई और बलवती

ईश्वरीय प्रेरणा से मिली ऐसी सहमति

पत्नी जी जब सुनीं लगाई झिड़की

साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी


कौन जाने किसका कहां का आत्मसाथ

मौन साधे रचना संग था उत्पात

सड़क जाम साली जी लक्ष्य तट की

साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी।


धीरेन्द्र सिंह

20.02.2025

17.51