आग लगे व्यक्ति मरे अपनी बला से
निर्द्वन्द्व प्रेम करें अपनी ही कला से
हर तरफ निर्मित हैं नव लक्ष्मणरेखाएं
मुगलकालीन शौक से जीवन गुनगुनाएं
कुछ न बोलें कुछ न कहें इस हला से
निर्द्वन्द्व प्रेम करें अपनी ही कला से
खींच दी गई हैं लकीरें मध्य रच जाओ
निर्धारित मर्यादा न टूटे ध्यान लगाओ
नेतृत्व है भ्रमित या चाहें भाव गला के
निर्द्वन्द्व प्रेम करें अपनी ही कला से
चार्वाक सोच के कई उभरे अनुपालनकर्ता
विवाद या उलझन ना ही बस वैचारिक जर्दा
शौर्य, पराक्रम, वीर अनुगामी तबला के
निर्द्वद्व प्रेम करें अपनी ही कला से।
धीरेन्द्र सिंह
10.08.2024
18.54