पनघट दृग अंजन अनुरागी
सहमत दृढ़ पलक अतिभागी
नीर प्रवाह झलक प्रथम हो
सुख-दुख का भी प्रतिभागी
नयन भाव अति सत्य प्रवक्ता
पनघट जुड़ाव रचि नित्यभागी
धवल-श्याम नित भाव प्रतिपल
निज व्यक्तित्व अटूट संभागी
मनफुहार दृग झंकार झुमाए
पनघट भाव प्रबल विज्ञानी
नयनों में झांकें बन चातक
पनघट स्वाति नक्षत्र का पानी।
धीरेन्द्र सिंह
13.07.2024
13.00