शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025

कामना के छल

सूर्य मुझसे लिपटता है प्रसन्न मना गुनगुनाऊँ

या लोटा जल लेकर कामना के छल चढ़ाऊँ


अनेक ज्योतिषाचार्य एक दशक से रहे बोल

सूर्य को जल चढ़ाएं  उपलब्धि होगी अनमोल

सूर्य को मन प्रणाम करता सूर्योदय जब पाऊँ

या लोटा जल लेकर कामना के छल चढ़ाऊँ


सूर्य है तो सृष्टि है वहीं से ऊर्जा वृष्टि है

सूर्य सा जो तेजस्वी युग की नई दृष्टि है

सनातन में गहन डूब सत्य के समीप जाऊं

या लोटा जल लेकर कामना के छल चढ़ाऊँ


कुंडली में सूर्य कमजोर तो कैसी घबराहट

आत्म सूर्य कर प्रखर भर प्रयास गर्माहट

अंतर्मन की रश्मियों संग सूर्य ओर धाऊँ

या लोटा जल लेकर कामना के छल चढ़ाऊँ


पूजा-पाठ का भला क्यों कोई विरोध करे

पूजा-पाठ पद्धतियों में पर नव प्रयोग करें

सूर्य रश्मि स्पर्श से आशीष सूर्य का पाऊँ

या लोटा जल लेकर कामना के छल चढ़ाऊँ।


धीरेन्द्र सिंह

17-19.12.2025

22.45

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