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खत्म करे दूरियां
न जाने कब
परिचित लगने लगता है
एक अनजाना नाम
एक अनचीन्हा चेहरा
और बन जाता है
प्यार का धाम,
शब्द लेखन से
होती अभिव्यक्तियाँ
करती हैं
नव अनुभूति नियुक्तियां
मन होने लगता है
जागृत और सचेत,
होता है अंकुरित प्यार
दूरियों के मध्य,
रहते दोनों सभ्य,
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