शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

बसंत पंचमी

 बसंत पंचमी

दे बौद्धिक नमी

उत्सर्जित कल्पनाएं

सुसज्जित हों आदमी


सरस्वती अर्चना

आशीष की ना कमी

आसक्ति जितनी अधिक

ज्ञानवान उतनी ज़मी


हर घर निनाद हो

बसंत से हैं हमीं

यह परंपरा पूर्ण

सर्जनाएँ दे शबनमी।


धीरेन्द्र सिंह

01.02.2025

20.37