बुधवार, 3 नवंबर 2021

दीपोत्सव मंगलमयी


पता नहीं क्यों

पता मिला कैसे

बस्तों को बांचते

पुरातत्व खंगालते

आरंभ पुनर्निर्माण

संस्कृति के वह द्वार

सभ्यता की पुकार

हिंदुत्व की हुंकार,

राम मंदिर;


सरयू भी उठी खिल

वर्ष 2021 से मिल

हिंदुत्व निर्विवाद

संस्कृति पर कैसा विवाद

असंख्य दीप जल उठे

प्रकाशित विश्व द्वार

दीपावली दिव्य प्रखर

अनुगूंज दिव्य अनंत,

राम मंदिर;


भारत में हिंदुत्व

हिन्दू हर भारतवासी

बहु धर्म का समझे मर्म

नव चेतना विन्यासी

बारह लाख दीपों में

शुभकामनाएं

आलोकित सब इससे

पूर्ण हों अर्चनाएं

अयोध्या जग जगमगाए,

राम मंदिर।


धीरेन्द्र सिंह

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