उम्र में बांटकर हुआ क्या कभी प्यार
बीच फर्क उम्र का क्यों जतलाती यार
आत्मा से आत्मा का होता है जब अनुराग
तब कहीं तन्मयता से उभरती है प्रेम आग
प्यार एक संवेग है जिसपर कठिन अधिकार
बीच फर्क उम्र का क्यों जतलाती यार
कौन अति सम्पन्न कौन आत्मिक है पल्लवित
प्रणय की एक चिंगारी तत्क्षण करे समन्वित
प्रणय है सीमा परे हृदय पर हृदय अधिकार
बीच फर्क उम्र का क्यों जतलाती यार
प्रणय और परिणय में होता है व्यापक अंतर
प्रणय असीमित परिणय है सामाजिक मंतर
परिणय को प्रणाम प्रणय उन्मुक्तता का द्वार
बीच फर्क उम्र का क्यों जतलाती यार।
धीरेन्द्र सिंह
28.11.2025
21.36

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