बच्चे लड़ें सहज जीवन पढ़ें
अभिभावक ना आपस में नड़े
बच्चे खेलते हैं लड़ते-झगडते हैं
जीवन को समझते ऐसे बढ़ते हैं
यह स्वाभाविक विकास ना पचड़े
अभिभावक ना आपस में नडें
व्यस्त अभिभावक एक बच्चे तक
अभिभावक व्यस्त एकाकी बच्चे तक
भावनाएं मित्रों बीच लडखडाये, उड़े
अभिभावक ना आपस में लड़ें
एक बच्चे का बढ़ता हुआ है चलन
ख़र्चे बच्चे का रोकते हैं आगे जनन
बाल सुलभ चंचलता बाल संग बढ़े
अभिभावक ना आपस में लड़ें
दूसरों के घर दो बच्चे देख हो मुग्धित
सोचे वह होता दो नोक-झोंक समर्थित
एकल संतान अपनी भावनाओं से जड़े
अभिभावक ना आपस में लड़ें।
धीरेन्द्र सिंह
27.11.2025
05.47

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