आप गए, लिस्ट नया नाम बोलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा
मेरे संपर्क के हैं कई दीवाने
आप जैसा न साहित्य तराने
करें नहीं बात वरना भेद खुलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा
लूटा है मीत मन और अर्थ भी
होकर दुखी छोड़ आए हैं सभी
एक और टूटन है, दर्द ख़ौलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा
मिला है नया धोखा कोई न बात
मुझको मिला मैं भी प्रदाता आघात
मैं हूँ उड़नखटोला न थाह मिलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा
खूब सेंक ली साहित्यिक रोटियां
खेलने को है विभिन्न दो प्रतियां
अब चुक गए हो, न चाह हिलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा
आधुनिकता में कैसी यह भावनाएं
दिल की जो सुने आती है यातनाएं
जो साथ है अभी उसे न दिल भूलेगा
क्यों आए ? दरवाजा न खुलेगा।
धीरेन्द्र सिंह
02.10.2023
14.30
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