गुरुवार, 13 मार्च 2025

शुभ होली

 शुभ होली -जीवन की टोली


जिसका जितना मन महका उतना बहका है

रंग होली कर धारित कई अभिनव तबका है


कुछ घर में रंगों की गुणवत्ता जांचे यूं ही

कुछ मानें हुडदंग अनियंत्रित बाहर क्यों जी

ऐसे भी होती होली जिसमें मन चहका है

रंग होली कर धारित कई अभिनव तबका है


कुछ शब्दों में भाव भर करते रहते पोस्ट

मिली प्रतिक्रिया से रंग स्मिति करते ओष्ठ

अपनी कल्पना में रंग नए वह रचता है

रंग होली कर धारित कई अभिनव तबका है


शब्द से अधिक कहीं रंगभरी मेरी हथेली है

यह रंग लगे जो परिचित, सखा, सहेली हैं

उनको दिया रचि रंग कहें दिल ना सबका है

रंग होली कर धारित कई अभिनव तबका है।


धीरेन्द्र सिंह

13.03.2025

20.51



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