बुधवार, 12 मार्च 2025

बाधित होली

 अबकी संभल चलिए उत्सवी टोली में

रंग-रंग तरंग लगे बाधित क्यों होली में


रंगों की यदि बात करें सर्वश्रेष्ठ तिरंगा

दीवानों-मस्तानों से बना राष्ट्रीय झंडा

तब सब रंग विहंग थे उत्सवी बोली में

रंग-रंग तरंग लगे बाधित क्यों होली में


अपनों में परिचित समूह तक है सीमा

अबीर-गुलाल उड़ान गति लागे धीमा

चौहद्दी सी रही उभर सबकी रंगोली में

रंग-रंग तरंग लगे बाधित क्यों होली में


मुट्ठीभर रंग-गुलाल से व्यक्तित्व सजाऊँ

आ मिल रंगकर होरी गाएं खुशियां लुटाऊं

होली के दिन रंग जाएं सब हमजोली में

रंग-तरंग लगे बाधित क्यों होली में।


धीरेन्द्र सिंह

12.03.2025

13.12



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