सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

इजहार

 #कुछ_तुम_लिखो_कुछ_हम_लिखे

#दैनिक_प्रविष्टि

#आज के विशेष रचनाकार

अविनाश शर्मा


    ✍️मेरे इजहार का अंजाम मिल जाता👌

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मेरे  इज़हार  का  अंजाम  मिल  जाता  तो  अच्छा था,

मेरे इकरार को एक धाम मिल जाता तो अच्छा था


बहुत कुछ कह चुकी हैं हसरतें मजबूर सी पेशानियां

कभी इनपर इनायत गौर हो जाता तो अच्छा था


बहकती चाहतों को महकता एहसास तो मिले

दहकती आग में चिराग खिल जाता तो अच्छा था


कहना ही मेरे वश में इजहार करते रहता हूँ 

अंजाम दिल जाम बन जाता तो अच्छा था।


धीरेन्द्र सिंह

11.02.2025

09.51

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