महाकुम्भ ना पहुंचा पत्नीजी घुड़कीं
साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी
आमंत्रण की यह मिठास दी हुलास
सड़क जाम देख हुई विचलित आस
खिलते एक प्रस्ताव की ऐसी कुड़की
साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी
महाकुम्भ आस्था हुई और बलवती
ईश्वरीय प्रेरणा से मिली ऐसी सहमति
पत्नी जी जब सुनीं लगाई झिड़की
साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी
कौन जाने किसका कहां का आत्मसाथ
मौन साधे रचना संग था उत्पात
सड़क जाम साली जी लक्ष्य तट की
साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी।
धीरेन्द्र सिंह
20.02.2025
17.51
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