कर्म के मर्म का शायद यही फैसला है
धर्म महाकुम्भ में मेरा भी जलजला है
खानाबदोश हूँ मोनालिसा मेरा नाम है
त्रिवेणी की कृपा नयन मेरे मेहमान हैं
मालाएं बिक रही हैं व्यवसाय खिला है
धर्म महाकुम्भ में मेरा भी जलजला है
मेरा व्यवसाय अधिक बेचनी है मालाएं
जल्दी बिक जाएं कभी हंसे तो मुस्काएं
वर्षों से इसी कर्म में व्यक्तित्व ढला है
धर्म महाकुम्भ में मेरा भी जलजला है
अशिक्षित हूँ अनुभव से सीखी दुनियादारी
मेरे इर्दगिर्द प्रसन्न दृष्टियों की है तीमारदारी
घूमी हूँ बहुत पर भाग्य ऐसा ना फला है
धर्म महाकुम्भ में मेरा भी जलजला है
हजारों फोटो और वीडियो मेरे अँखियन की
लोग रहते हैं घेरे क्यों यही बातें सखियन की
बहुत बिक रही मालाएं तनमन खिला है
धर्म महाकुम्भ में मेरा भी जलजला है।
धीरेन्द्र
19.01.2025
11.15
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