सुन रहा हूँ सत्य के अभिमान को
गुन रहा हूँ कथ्य के नव मचान को
आप केंद्र में एक संभावना बन सुनें
कुछ प्रवक्ता चैनल के भव विद्वान को
चैनलों के कुछ एंकर भूल रहे हिंदी
कुछ प्रवक्ता सक्रिय भाषा अपमान को
आप जनता हैं तो सुनिए यही प्रतिदिन
कौन कहे मीडिया के भाषा नादान को
हिंदी को करता दूषित है हिंदी चैनल
हिंदी शब्द बलि चढ़े अंग्रेजी मान को
कुछ एंकर कुछ प्रवक्ता लील रहे हिंदी
आप कहीं ढूंढिए अब हिंदी भगवान को।
धीरेन्द्र सिंह
19.11.2025
19.22
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