चुपके से हो रहे थे आतंकी आबाद
हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद
पुस्तकों की बौद्धिकता पर करते बातें
बुद्धिजीवी सोचें अभिशाप कैसे बांटे
डॉक्टरों की टीम का है यह विवाद
हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद
उच्च शिक्षित का किनसे गलत नाते
कौन वह प्रबुद्ध जिनसे डॉक्टर नाचे
हतप्रभ होकर इन डॉक्टरों पर संवाद
हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद
उच्च शिक्षितों में भी गंवारपन आगे
कैसे सम्मान के यूँ निर्दोष रहें धागे
एक विश्वास टूटकर किया गंदा निनाद
हंगामा रच रहा था शांत फरीदाबाद।
धीरेन्द्र सिंह
11.1१.2025
20.46

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