गुरुवार, 23 मई 2024

रिझाना है

 हर उम्र का एक दोस्ताना है

उम्र दर उम्र वही आशिकाना है

कुछ गंभीरता लिए समझदारी भी

जिंदगी को भी तो रिझाना है


तथ्य हैं, कथ्य हैं, सत्य-असत्य है 

लक्ष्य है, लाभ है, पथ्य-नेपथ्य है

दिनचर्या पाठ्यक्रम सा पढ़ जाना है

जिंदगी को भी तो रिझाना है


सहजता अक्सर होती है विवशता

कर्म फेंक रहे भाग्य है कम फंसता

जिजीविषा का बस एक तराना है

जिंदगी को भी तो रिझाना है


देखिए न उम्र का मूक सौंदर्य

कहिए न चाह से करे सहचर्य

मोहित, मुग्धित, मधुर गुनगुनाना है

जिंदगी को भी तो रिझाना है।


धीरेन्द्र सिंह

22.05.2024

21.22



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