भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता
अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता
शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता! क्षमा करें अगर मेरी भारतीय भाषा को समझना मुश्किल है greetings from malaysia द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin शुक्रिया
अच्छे को कभी न कभी उसके कद्रदान मिल ही जाया करते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
जवाब देंहटाएंक्षमा करें अगर मेरी भारतीय भाषा को समझना मुश्किल है
greetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
शुक्रिया