सोमवार, 13 मई 2024

खुमारी या विरह नाद


 

समर्पित प्रेम में होता यह विषय विवाद

मीरा सी खुमारी या राधा सा विरह नाद

 

अंतस हिलोर मारे अभिलाषाओं की शुमारी

गहन तरंग उठे असीम चेतना की खुमारी

प्रणय पुष्प सा फले, फूले, महके निर्विवाद

मीरा सी खुमारी या राधा सा विरह नाद

 

एक ही धूरी पर प्रणय की अनंत शाखाएं

कुछ मीरा कहें कुछ संग राधा गुनगुनाएं

क्या प्रेम मात्र एक छात्र एक पाठ संवाद

मीरा सी खुमारी या राधा सा विरह नाद

 

किस तरफ शौर्य का गुंजित है अभिमान

बिना साहस प्रेम का हो सके ना ज्ञान

कान्हा की बांसुरी तो सुदर्शन चक्र निनाद

मीरा सी खुमारी या राधा सा विरह नाद।

 

धीरेन्द्र सिंह

13.05.2024

16.39

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें