गुरुवार, 13 जून 2024

दमित भावनाएं

 बलवती हो रही हैं निज भावनाएं

एक आप कर रहीं दमित कामनाएं


एक अकुलाहट में निहित बुलाहट

एक मनआहट में विस्मित कबाहट

संशय तोड़ उभरतीं संभावित पताकाएं

एक आप कर रहीं दमित भावनाएं


संस्कार का शीतधार वेग है अपार

प्रेम है आपका बस संयमित दुलार

बांध तोड़कर उफनने को आमादा धाराएं

एक आप कर रहीं दमित भावनाएं


ओ साधिका साध दी छवि जीवन

ओ वामिका आंच दी रचि सीवन

धारित जीवन निहित कई वर्जनाएं

एक आप कर रहीं दमित भावनाएं


चार दशक बाद न रहा उत्साही चषक

क्या निज उपवन है गया कहीं धसक

आपकी शैली में आतुर शमित सर्जनाएँ

एक आप कर रहीं दमित भावनाएं।


धीरेन्द्र सिंह

14.06.2024

09.17



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