शनिवार, 20 अप्रैल 2024

मचान

जैविक देह दलान है

मनवा का ढलान है

सरपट भागे आड़ाटेढ़ा

दूर लगे मचान है

 

करधन टूटी बर्तन टूटा

कौन मगन कौन रूठा

लगता भेड़ियाधसान है

दूर लगे मचान है

 

अक्कड़-बक्कड़ मुम्बई बो

छोड़ बनारस गए खो

भाषा वही बदला परिधान है

दूर लगे मचान है

 

जैविक जीव की लाचारी

मनवा गांव की बारी-बारी

धड़ ऊपर कमरधसान है


दूर लगे मचान है।

 

धीरेन्द्र सिंह

19.04.2024

17.35

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