आप दिव्यता की एकमात्र कड़ी
जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी
आरम्भ से जीत की रणदुदुम्भी
जीवन की है अभिनव जलकुंभी
इनका सानिध्य उपलब्धियां बड़ी
जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी
आत्मा की ताज में वह बलवती
शैशव से वृद्धावस्था की सुमति
वह कौन जिसमें स्त्री न कड़ी
जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी
मातृत्व का विशद गहन दुलार
प्रेयसी का सुगंधित मृदु अभिसार
जीवन यात्रा में पुष्प सी पड़ी
जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी
ममता की समता सौम्य सुगंधित
मनवा की नम्रता कौन निबंधित
हृदय में यह दिव्यता है मढ़ी
जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी।
धीरेन्द्र सिंह
26.08.2023
22.54
सुंदर सृजन
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