मंगलवार, 10 जून 2025

आंतरिक ऊर्जा का उन्नयन धार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


धरा से व्योम तक भावना का अर्चन

प्यार की छवि दिखे वायु बने दर्पण

ऐसे योगियों समक्ष खुले सब द्वार हैं

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


सामाजिक बंधन कहे प्यार है चंदन

सामाजिक समर्थन प्यार वही वंदन

वैवाहिक रीतियों में नियम गुबार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


धर्म कभी कर्म कभी सामाजिकता

प्यार नियमबद्ध करे क्या आतुरता

बिरादरी से बाहर ब्याह नहीं शुमार है

प्रचंड वेगवाहक होया जब प्यार है


प्यार नहीं रुकता प्रेमी प्रतिदिन आदि

नित्य मिलान नित्य चर्चा पल-पल संवादी

दूसरे से ब्याह नहीं देता प्यार झंकार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है।


धीरेन्द्र सिंह

11.06.2025

05.46


रविवार, 8 जून 2025

नीना गुप्ता

 नीना गुप्ता

बीते

66वें जन्मदिवस की

हार्दिक शुभकामनाएं,

पूर्ण अपरिचित हैं

एक-दूसरे के लिए

बस इतना जाना

मीडिया ने जो बताया,


आजकल भी 

मीडिया बता रही है

आपके 66वें जन्मदिन का

केक काटता फोटो

कुछ लोग कहें हो, हो,


सोशल मीडिया

एक वैचारिक प्रवाह है

जहां स्वतंत्र है अभिव्यक्ति

करे कोई भी व्यक्ति

चीखता, चिल्लाता

विचार अपने सत्य बतलाता

निरंतर कहते जाता

जैसे सरिता प्रवाह में

खर-पतवार है बहते जाता,

वैचारिक और सामाजिक प्रवाह

धारित किए आप

चल रही हैं कलकल

एक सरिता की तरह, जिसमें

कतिपय मृत विचार और तर्क

बह रहे पकड़ आपका संग,


आप यूं ही 

प्रवाहित होते रहिए

इतिहास आपके सम्मान में

अपने रिक्त रखे पृष्ठों में 

आपकी जिंदगी समेटने को

सक्रिय है

क्योंकि

अपनी शर्तों पर

एक पूरा जीवन जी पाना

मात्र साहस नहीं बल्कि

एक विलक्षण दृष्टिकोण है।


धीरेन्द्र सिंह

08.06.2025

19.54







व्यक्तित्व

 लोग झूठ बोलते हैं शायद डर गए हैं

व्यक्तित्व रुपहला भीतर से मर गए हैं

देखा है जमाने की भीतर की दुनिया

बाहर क्षद्म रूप और वह तर गए हैं


एक परदा जरूरी है जहां कुछ पड़ा

हरे कपड़े से बालकनी भी ढक गए है

हर कुछ छुपाना भयभीत है जमाना

निजता के कमरे क्या-क्या भर गए हैं


मन दबा आवाज दबी हौसला लगे दबा

रीढ़ की हड्डी दबी यूं ही अड़ गए हैं

कहते हैं शांत रहिए समय होगा परिवर्तित

हम क्या रट लिए और क्या पढ़ गए हैं


उन्माद न दबंगता अन्याय का हो विद्रोह

शालीनता में शांत गलत राह बढ़ गए हैं

साहित्यिक, सामाजिक सुधार आवश्यक

धूल-धक्कड़, जंग व्यक्तित्व चढ़ गए हैं।


धीरेन्द्र सिंह

08.06.2025

18.10




शनिवार, 7 जून 2025

चर्चा

 साहित्य का विकास एवं उन्नयन

सक्रिय पठन हो दीप्ति भरे गगन


पढ़ लिया फिर लाईक या टिप्पणी

ऐसे विभिन्न रचनाओं पर दो घड़ी

प्रश्न पूछिए जहां संशय भरे गहन

सक्रिय पठन हो दीप्ति भरे गगन


पाठक वर्ग होता है साहित्य चितेरा

उनके दिशानिर्देश रचें साहित्य सवेरा

रचना पर हो चर्चा रहे रचना मगन

सक्रिय पठन हो दीप्ति भरे गगन


कविता पर मिले कविता में प्रतिक्रिया

रचना के शब्द, वाक्य पर प्रश्न क्रिया

कितना सुखद होता लेखन करे मनन

सक्रिय पठन हो दीप्ति भरे गगन।


धीरेन्द्र सिंह

07.06.2025

22.43




शुक्रवार, 6 जून 2025

लाईक कमेंट्स

 लेखन कितना क्षुब्ध हो गया

चाहे हरदम खुश इठलाने को

लाईक, टिप्पणियों के अधीन

सर्जना लगे सुप्त बिछ जाने को


रचनाकार सशक्त सजीव संजीव

रचना मन अंगना खिल जाने को

मिलते रहते पाठक और प्रशंसक

रचना गुणवत्ता ओर खींच जाने को


सर्जन का है कर्म-धर्म अभिव्यक्ति

लेखन का स्वभाव मन छू जाने को

पाठक प्रशंसक के अधीन यदि लेखन

प्रथम संकेत है लेखन चुक जाने को


एक विचार हो एक प्रवाह हो लेखक

है कर्म निरंतर लेखन जग जाने को

एक चुम्बक है लेखन सबको ले खींच

लाईक, कमेंट्स में क्यों उलझ जाने को।


धीरेन्द्र सिंह

07.06.2025

05.39





गुरुवार, 5 जून 2025

उम्र

 प्यार यदि देह है फिर क्या नेह है

कुछ भी संभव कहीं भेद लिए देह है


एक उम्र आते ही कहते बस हुआ

ईश्वर की भक्ति करो उम्र को छुआ

देह तो तब भी प्यार करना खेद है

कुछ भी संभव कहीं भेद लिए देह है


प्यार पर लिख रहे उम्र भी तो देखिए

लोग क्या कहेंगे गरिमा के जो भेदिए

लेखन में पड़े कुछ करते नहीं गेय है

कुछ भी संभव कहीं भेद लिए देह है


अधेड़ उम्र में प्यार क्यों हैं करते

भक्ति लो मुक्ति लो अचानक हैं मरते

परलोक की सोचें देह नश्वर विदेह है

कुछ भी संभव कहीं भेद लिए देह है।


धीरेन्द्र सिंह

06.06.2025

10.21


बुधवार, 4 जून 2025

क्रिकेट हादसा

 गेंद लेकर दौड़ता एक गेंदबाज

बल्ला चाहे गेंद को दे गति साज


गेंदबाज, बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षक

एक विजयी दूजी टीम बनी समीक्षक

बंगलुरू स्टेडियम में जश्न की आवाज

बल्ला चाहे गेंद को दे गति साज


आरसीबी टीम अठारह वर्ष बाद जीत

स्टेडियम द्वार भगदड़ निकली कई चीख

स्टेडियम में  चलता रहा जश्न लिए नाज़

बल्ला चाहे गेंद को दे गति साज


मर गए घायल हुए कई क्रिकेट प्रेमी

कौन दोषी मुक्तभोगी था संयोग नेमी

चैनलों के वीडियो दर्शाते चूक व काज

बल्ला चाहे गेंद को दे गति साज


ना रुकी भगदड़ में मौत व भारी चोट

स्टेडियम में उत्सव बाहर व्यवस्था खोट

क्रिकेट जगत का दुखदाई हादसा माँज

बल्ला चाहे गेंद को गति दे साज।


धीरेन्द्र सिंह

04.06.2025

18.48