निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 12 जून 2024

जिद्दी

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 सुबह ढल रही है उदय शाम हो कहो ज़िद्दी ऐंठन भरी तान हो प्रेम की आपकी कई परिभाषाएं एक समझें कि दूजी उभर आएं नए प्रेम की आवधिक गान हो कहो ज़िद्द...
मंगलवार, 11 जून 2024

फरीदाबाद

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 उसके फोन में इतने नाम हैं लगे सब ही उलझे, बेकाम हैं हर किसी से हो बातें आत्मीय सब सोचें संबंध यह सकाम है क्यों लरजती है इस तरह लज्ज़ा चूनर ल...

अनुरागी

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 एकल प्रणय प्रचुर अति रागी खुद से खुदका गति अनुरागी तन की दहकती हैं खुदगर्जियाँ मन में आंधियों सी हैं मर्जियाँ समय की धूनी पल क्या पागी खुद ...
सोमवार, 10 जून 2024

आसक्तियां

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 प्यार से जरूरी है प्यार की अभिव्यक्तियां बहुत जरूरी हैं जतलाएं गहन आसक्तियां मंद मुस्कराहट अधर या कातिल अँखिया मृदु छुवन स्पर्श कहें तन्मय ...
शुक्रवार, 7 जून 2024

दौड़ते जा रहा

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 दाल उबल रही भोजन की आस है पेट का नाम ले संभावना हताश है यह एक क्षद्म है या स्व छलावा दौड़ते जा रहा कहे जिंदा लाश है रूठ गयी कविता बोली भाव न...
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गुरुवार, 6 जून 2024

लोक सभा 24

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 धैर्य सहित प्रतीक्षा सदीक्षा की आस्था राम मंदिर निर्माण जन-जन की आशा भव्य निर्माण में दिव्य उपलब्धियां हैं सरकार, न्यायालय ने रोका था तमाशा...
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बुधवार, 5 जून 2024

तुम चलोगी

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 प्रणय पग धीरे-धीरे मन के तीरे-तीरे कहो, तुम चलोगी संग मेरे बहोगी सपनो को घेरे-घेरे मन के तीरे-तीरे आत्मिक है निमंत्रण सुख शामिल प्रतिक्षण उ...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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