निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 20 मई 2025

चाय या तुम

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 झुकती लय टहनियां वाष्पित झकोरे एक चाय सी हो लगती तुम भोरे-भोरे एक घूंट चाय सा लगता है संदेशा गर्माहट भरी मिठास अनुराग सुचेता गले से तन भर झ...

नारी

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 आप मन प्रवाह की तीर हैं कल्पना प्रत्यंचा अधीर है स्वप्न गतिशील सुप्त गुंजित संकल्पना सज्जित प्राचीर है सौम्यता से सुगमता संवर्धित उद्गम उल्...

प्रतीक्षा

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 नयन बदरिया पंख पसारे पाहुन अगवानी को धाए अकुलाहट से भरी गगरिया मन छलकत नेह भिगाए साँसों की गति अव्यवस्थित स्थिति खुद को अंझुराए गाय सरीखा उ...
सोमवार, 19 मई 2025

क्या करता

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 मन मसोसकर जीवन  है विवशता कहावत सही, मरता न क्या करता आप बाग-बाग सी महक-महक गईं अभिलाषाएं प्यार की मचल लुढ़क गई अप्रतिम हो व्यक्तित्व मन है ...

ऑनलाइन

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 हर चीज है ऑनलाइन हर उम्मीद ऑनलाइन हरएक को चाहनेवाले फ्रेंडलिस्ट भी ऑनलाइन मिलना आसान ऑनलाइन फ़्लर्ट संसार भी ऑनलाइन मिलते कई विकल्प यहां चमत...
रविवार, 18 मई 2025

मुस्कराहट

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 मुस्कराहट मन में या होंठ पर हर हालत में दे जाती है कौंध जो समझ ले बूझ ले उसे भी दर सोच-सोच कल्पना के पौध शब्द जिसको कहने में हिचकिचाता मुस्...
शनिवार, 17 मई 2025

नाद है

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 करतल ध्वनियों का निनाद है किसकी जीत का यह संवाद है किन उपलब्धियों के विजेता है संघर्ष निरंतर है और विवाद है इतिहास की हैं कुछ गलतियां विश्व...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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