निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 17 जून 2025

तत्व और भाव

›
 तत्व की तथ्यता यदि है सत्यता भाव की भव्यता कैसी है सभ्यता तत्व और भाव अंतर्द्वंद्व जीवन के रचित जिस आधार पर है नव्यता अपरिचित भी लगे सुपरिच...

शब्द ले गया

›
 कोई मेरा शब्द ले गया भावों के आंगन से निर्बोला सा रहा देखता झरझर नयना सावन से कुछ ना बोली संग अपनी टोली चुप हो ली यहां हृदय उत्कीर्ण रश्मिय...
रविवार, 15 जून 2025

प्यार न बदला

›
प्यार ऐसे ही रहा है शुष्कता न सलवटें यार जो एक बार हुआ छूटता न करवटें वह हसीन वादियों को कल्पना के रंग दें मन के बादलों में होती सावनी कबाहट...
शनिवार, 14 जून 2025

लेखन छेड़खानी

›
यूं ही कुछ लेखन लिए कद्रदानी अक्सर करता है लेखन छेड़खानी आवश्यक नहीं पहल करे रचनाकार कुछ प्रबुद्ध टिप्पणी शाब्दिक चित्रहार शब्दों की भावहोली ...
शुक्रवार, 13 जून 2025

आपका लेखन

›
 लिख-लिखकर लुभाई हैं, हिसाब दीजिए सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए परिपक्वता के लेखन में है अद्भुत मिठास भाव भव्यता के खेवन में है शब्दय...
गुरुवार, 12 जून 2025

बोइंग अहमदाबाद

›
 सब चैनल की एक ही बातें बोलें बाद में पहले तो जांचे अहमदाबाद ड्रीमलाइनर हादसा अग्निपाश 242 आत्मा आसका दुर्घटना या षड्यंत्र मन नाचे बोलें बाद...
बुधवार, 11 जून 2025

शब्द कर्म

›
 चेतना को चुगने का प्रयास हो रहा जो भी हो रहा है सायास हो रहा उन्नत हैं बीज खेत लहलहा उठेंगे खेतों में बीज न अनायास बो रहा स्व विवेक मरेगा त...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.