Nijatata काव्य

शनिवार, 14 जून 2025

लेखन छेड़खानी

यूं ही कुछ लेखन लिए कद्रदानी

अक्सर करता है लेखन छेड़खानी


आवश्यक नहीं पहल करे रचनाकार

कुछ प्रबुद्ध टिप्पणी शाब्दिक चित्रहार

शब्दों की भावहोली रचती नव कहानी

अक्सर करता है लेखन छेड़खानी


उच्च बौद्धिकता में होती छेड़-छाड़

शाब्दिक सुंदरता भावों के फले ताड़

लूटते हैं लोग करते शब्दों की निगरानी

अक्सर करता है लेखन छेड़खानी


ऐसी चंचलता, चपलता चतुर लेखन

किसी भी समूह का पुलकित संवेदन

लेखन की लौकिकता लेखन जुबानी

अक्सर करता है लेखन छेड़खानी।


धीरेन्द्र सिंह

14.06.2025

18.33



 

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