लिख-लिखकर लुभाई हैं, हिसाब दीजिए
सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए
परिपक्वता के लेखन में है अद्भुत मिठास
भाव भव्यता के खेवन में है शब्दयुक्त ठाठ
अभिव्यक्त हो प्रखर अनुभव नवाब दीजिए
सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए
आपके लेखन में मेरी भावनाओं का गुबार
सुंदर शब्द आपके है और लिपटे सुविचार
प्रश्न मैं उत्तर आप हैं उपयुक्त जवाब दीजिए
सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए
प्रत्यक्ष कैसे बोलूं सामाजिक मर्यादाएं हैं खड़ी
आपका लेखन है जादुई एक मंत्र की पड़ी
मंत्र पढूं कान फूंक वह आफताब दीजिए
सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए
पढ़ना है मेरी आदत हर व्यक्तित्व है पुस्तक
जब से रहा पढ़ आपको हर शब्द है दस्तक
लिखते रहिए करते मोहित विवाद दीजिए
सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए।
धीरेन्द्र सिंह
14.06.2025
06.26
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